Saturday, December 5, 2015

कुछ ही पलों का मिलन भले हो

कैसे आपको देख पायें हम, निशि-वासर हम स्वप्न निहारें।

मीठी वाणी हम सुन पायें, आप सजी हों, जब भी निहारें।

एक साध है, एक ही इच्छा, आलिंगन में आपको बांधें,

आप हमारी बाहों में हों, अपलक आपको नयन निहारें।


एक बार बस मिलें आप, हम, सब-कुछ ही पा जायेंगे।

भूखा रखोगीं, हम रह लेगें, कपोल आपके बस भायेंगे।

हर बात हम आपकी माने, बाँहों में  आप समायेंगे,

कुछ ही पलों का मिलन भले हो, आपके अन्दर खो जायेंगे।

No comments:

Post a Comment

आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.