सलाम! आपको इस प्रेमी का, स्वीकार करो या ठुकराओ।
हम आयेंगे मिलने एक बार फिर, दुत्कारो या गले लगाओ ।
हम अब भी इन्तजार ही करते, शायद अब भी आ जाओ,
आयेंगे आपके दर पर जब भी, बाँहों में भर लो या ठुकराओ।
जिस राह आपको पुष्प मिलें, आप उसी राह पर आगे बढ़ना।
राह में भी यदि पड़े मिलें हम, कुचल के आगे आपको बढ़ना।
हम तो पागल प्रेमी, हैं दीवाने, आपको बुद्धि नित राह दिखाये,
अपने आपको अपना के प्रिये, आप सदैव ही आगे बढ़ना।
हम आयेंगे मिलने एक बार फिर, दुत्कारो या गले लगाओ ।
हम अब भी इन्तजार ही करते, शायद अब भी आ जाओ,
आयेंगे आपके दर पर जब भी, बाँहों में भर लो या ठुकराओ।
जिस राह आपको पुष्प मिलें, आप उसी राह पर आगे बढ़ना।
राह में भी यदि पड़े मिलें हम, कुचल के आगे आपको बढ़ना।
हम तो पागल प्रेमी, हैं दीवाने, आपको बुद्धि नित राह दिखाये,
अपने आपको अपना के प्रिये, आप सदैव ही आगे बढ़ना।
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