Monday, December 14, 2015

नयनों के हमारे सामने होंगी

क्या कर रही हैं आप प्रिये, छुट्टी है शायद घर पर होंगी।

हम तो घर को देख न पाये, खुश हैं आप तो निज घर होंगी।

हम पागल हैं, दीवाने आपके, चाह रहे बस आपके दर्शन,

कौन सा दिन वो आयेगा जब, नयनों के हमारे सामने होंगी।

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