क्या कर रही हैं आप प्रिये, छुट्टी है शायद घर पर होंगी।
हम तो घर को देख न पाये, खुश हैं आप तो निज घर होंगी।
हम पागल हैं, दीवाने आपके, चाह रहे बस आपके दर्शन,
कौन सा दिन वो आयेगा जब, नयनों के हमारे सामने होंगी।
हम तो घर को देख न पाये, खुश हैं आप तो निज घर होंगी।
हम पागल हैं, दीवाने आपके, चाह रहे बस आपके दर्शन,
कौन सा दिन वो आयेगा जब, नयनों के हमारे सामने होंगी।
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