Sunday, February 22, 2015

हम तो केवल सपने देखें

आज नहीं तो कल मिल जाओ

जीवन क्या है? समझ न पाये,
जो भी किया नहीं पछताये।
आपकी यादों में हम जीते,
करतीं क्या हो? जान न पाये।

अवकाषों में खेलो, खाओ,
पिय की बाँहों में सो जाओ।
हम तो केवल सपने देखें,
आज नहीं तो कल मिल जाओ।

आपने भी तो मित्र कहा था,
बड़े प्रेम से हस्त गहा था।
प्रेम नहीं अब क्यों कहती हो?
नयनों से क्यूँ अश्रु बहा था?

मजबूरी का जीवन कैसा?
पशु रस्सी से बँधा हो जैसा।
अपने मन को मुक्त करो,
बतलाना फिर लगता कैसा?

Wednesday, February 18, 2015

आसूँ हैं मुस्कान के पीछे

घायल करके चली गई तुम


घायल करके चली गई तुम, दवा कौन दे पायेगा?
आसूँ हैं मुस्कान के पीछे, ऐसे कब तक जी पायेगा?
अपने आप को भूल गया मैं,
प्यार में देखो धूल भया मैं।
मैंने सब कुछ सौंप दिया था,
प्यार से फिर भी छला गया मैं।
आपकी जिद मुझको ले डूबी, कौन पार ले जायेगा?
घायल करके चली गईं तुम, दवा कौन दे पायेगा?
जीवन तो हम जी ही लेंगे,
दिए हैं गम वह पी ही लेंगे।
आप को सुखी देख हम पायंे,
वियोग-विश भी पी ही  लेंगे।
अकेले छोड़ा, अकेले रहेंगे, साथ कौन चल पायेगा?
घायल करके चली गईं तुम, दवा कौन दे पायेगा?
आपसे जब भी मुलाकात होगी,
आँखों-आँखों में हर बात होगी।
दीदार आपके होंगे हमें जब,
खुषियों की देखो बरसात होगी।
साथी ही जब साथ रहा ना, गान कौन अब गायेगा?
घायल करके चली गईं तुम, दवा कौन दे पायेगा?

Wednesday, February 4, 2015

हमने कोई और, राह न देखी

बुद्धिमान तू सुख है ढूढ़ती


हम तो केवल प्रेम को जानें,
और कोई भी राह न देखी।
प्रेम राह के पथिक हैं हम तो,
तूने  दिल  की राह न देखी।
बुद्धिमान तू सुख है ढूढ़ती,
दिल ने दुख की राह न देखी।
कठिनाइयों से घबराई तू,
तूने हमारी चाह न देखी।
आदर्शों की बात है करती,
झूँठी, दिल की राख न देखी।
चाह करें क्यूँ? तुझे हम पायें,
मरुस्थल में बरसात न देखी।
चूमा  पहले, फिर ठुकराया,
तेरी अदा, कहीं और न देखी।
तुझे छोड़ हम जायँ कहाँ पर,
हमने कोई और, राह न देखी।