स्वागत!
स्वागत ! स्वागत ! स्वागत !
जो भी है यहां आगत।
जीवन की तू सौत,
स्वागत तेरा मौत।
बचपन से है हमें सिखाया,
दरवाजे पर जो भी आया
उसको हमने गले लगाया
तुझसे डरता कौन!
स्वागत तेरा मौन!
जीवन हमने बहुत जिया है,
सुधा मान के गरल पिया है।
जिस-जिस को हमने अपनाया,
नहीं किसी ने सुक्ख दिया है।
तू है दुल्हन तुझे सजा लूं,
अपने हिय में तुझे बिठा लूं।
मन अपना संगीत बजा लूं,
दूल्हा मुझसे अच्छा कौन!
स्वागत तेरा मौन!!
कुदरत से जो तन था पाया,
नहीं उसे वैसा रख पाया।
नादानीं जो मैने की थीं,
अंग-अंग है उसने खाया।
पहन के आ दुल्हन का जोड़ा,
मैं हूं दूल्हा चिता है घोड़ा।
चलता हूं अब थोड़ा-थोड़ा,
बने बराती कौन ?
स्वागत तेरा मौन !!!