Saturday, May 7, 2011

नाना हो या नानी सबने पानी की माया जानी


पानी की माया
          

नाना हो या नानी सबने, 
पानी की माया जानी।
सबको भोजन देता पानी,
अफसर हो या बुढ़िया,रानी।
मिठाई न बने बिना पानी के,
घास उगे न बिना पानी के।
सबको पानी देता जीवन,
इसीलिए तो करते सेवन।।
एक लक्ष्य बतलाता पानी,
परमार्थ सिखलाता पानी।
कहे राष्ट्रप्रेमी कविराय, 
सबको भोजन देता पानी।
नाना हो या नानी सबने, 
पानी की माया जानी।।

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