पल पल सबको प्रेम लुटाते
सबके हित में कर्म करें, बस नहीं प्रेम के गाने गाते।
प्रेम पुजारी हैं, हम केवल, पल पल सबको प्रेम लुटाते।।
कर्तव्य पथ पर अविचल चलते।
बाधाओं से कभी न डरते।
प्रेम नाम धोखे खाकर भी,
नहीं प्रेम के पथ से हटते।
प्रेम नहीं अधिकार जताता, समर्पण से दिल जीते जाते।
प्रेम पुजारी हैं, हम केवल, पल पल सबको प्रेम लुटाते।।
प्रेमी न करते कोई दावा।
नहीं पूजते काशी-काबा।
चाहत तो वासना होती है,
प्रेम नहीं है, कोई ढाबा।
प्रेम नाम षड्यंत्र जो रचते, नफरत और घृणा ही पाते।
प्रेम पुजारी हैं, हम केवल, पल पल सबको प्रेम लुटाते।।
प्रेम की नहीं कोई है सीमा।
प्रेम नहीं, शादी का बीमा।
बदले में जो प्रेम माँगता,
वासना वह, जहर है धीमा।
प्रेमी प्रेम को सजा न चाहे, प्रेमी प्रेम को नहीं मरवाते।
प्रेम पुजारी हैं, हम केवल, पल पल सबको प्रेम लुटाते।।
प्रेम को कोई समझ न पाया।
सिर्फ प्रेम का गाना गाया।
प्रेम पात्र पर ऐसिड फेंका,
ऐसे प्रेम से, प्रेम लजाया।
पिशाच प्रेम का स्वांग रचाते, प्रेमिका के टुकड़े हो जाते।
प्रेम पुजारी हैं, हम केवल, पल पल सबको प्रेम लुटाते।।