Sunday, February 5, 2023

पैसा ही है, सार जगत का

                        पैसे से सब खेल है

                                     


पैसा ही है, सार जगत का, पैसे से सब खेल है।

पैसे खातिर हत्या होतीं, पैसे हित ही मेल है।।

पैसे से हैं रिश्ते-नाते।

प्रेम गीत पैसे हित गाते।

पैसे के सब संगी साथी,

पैसे से बच्चे बिक जाते।

पैसा देख शादी होती हैं, षड्यंत्रों की रेल है।

पैसा ही है, सार जगत का, पैसे से सब खेल है।।

पैसे से सुविधा मिलती हैं।

पैसे से झांकी सजती हैं।

पैसे से सब स्वारथ पूरे,

पैसे से रमणी रमती है।

पैसे की ही माया देखो, होटल बनती जेल है।

पैसा ही है, सार जगत का, पैसे से सब खेल है।।

पैसा ही है, पति, पत्नी का।

पैसा ही नायक रमणी का।

राष्ट्रप्रेमी है दास प्रेम का,

मोल नहीं कोई दमड़ी का।

पैसा, प्रेमी, तुम्हें मुबारक, निकला हमारा तेल है।

पैसा ही है, सार जगत का, पैसे से सब खेल है।।


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