प्रिय मित्रो
सदर नमस्कार
आज का शीर्षक है बड़ा कोंन इसके संबंध में मेरे विचारों से लिख रहा हूँ कि अगर पांच भाई में से किसी से पूछा जाये कि आप में से बड़ा कोंन है तो उनमें से सबसे पहले जन्म लेने वाला ही कहेगा कि मैं बड़ा हूँ और इसी तरह यदि धरती और आकाश में से पूछा जाये कि आप में से बड़ा कोंन तो धरती कहेगी कि मैं और पूछा जाये कि क्यों तो क्यों कि मैं सभी का पालन पोषण पोषण करती हूँ और आकाश कहेगा कि मैं बड़ा हूँ और पूछा जाये कि क्यों तो क्यों कि मैं सभी को छाया प्रदान करता हूँ इसी प्रकार सूरज और चाँद में से भी पूछने पर भी दोनो अपने आपको बड़ा बताएँगे लेकिन अगर भगवान और भक्त में से पूछा जाये तो भगवान कभी नहीं कहेंगे कि मैं बड़ा हूँ वे तो भक्त को ही बड़ा बताएँगे और कारण भी बता देंगे कि भगवान भक्त की भक्ति के अधीन होते है क्यों कि भक्त चाहे जहाँ भगवान को बुला सकता है अगर उसकी भक्ति में शक्ति है तो इसलिए सबसे बड़ा भक्त है
स्वामी विवेकानन्द के दृष्टिकोण से
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धर्म
*स्वामी विवेकानन्द को हिन्दू संन्यासी कहना एकदम गलत होगा। वे संन्यासी तो
थे, किन्तु हिंदू संन्यासी थे, यह सही नहीं है। उन्हें हिन्दू धर्म तक सीमित
क...
1 week ago