Saturday, October 13, 2007

हम सब चोर हैं

हम सभी चोर हैं । जो जितना बड़ा चोर है वह उतना ही ईमानदार दिखने की कोशिश करता है । हम दूसरो से जो चाहते हैं वह देने को तैयार नहीं हैं । हम जो मार्ग दिखाते हैं उस पर खुद नहीं चलते । यदि हम जो कहते हैं वही करे जो करते हैं वही बोलें तो विश्व में समस्याएं नहीं रहेंगी न। कथनी करनी में एकता रखने वाले मित्रों की मुझे आवश्यकता है और किसी गुन की जरुरत नही है । धन, पद , यश व संबंधों से निर्लिप्त रहने वाले व्यक्ति को दुनियां की कोई शक्ति डरा या झुका नही सकती। चोर भी यदि इन से लगाव छोड़कर सत्य बोले वह एक महान व्यक्ति बन सकता है.

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