आज आओ मिल गले लगाए
सबको अपना मीत बनाए
कोई भले ही मीत बने ना
खुद को सबका मीत बनायें
चित्र भले ही हम ना पूजें
कथनी - करनी भेद मिटायें
कृत्रिमता को दूर भगा कर
नर नारायण बन दिखलाये।
अपने लिए जियें
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आओ स्वार्थी बनें
हम सब लोग अक्सर धर्म, कर्म और पर्मार्थ की बातें करते हैं। अपने साथियों को
अक्सर टोकते हैं कि बड़े स्वार्थी हो आप तो? मन्दिर, मस्जिद, गिरिज...
2 weeks ago
बहुत सुंदर इच्छा है ! आपकी एक बात बहुत हद तक मुझसे मेल खाती है ! मीठा बोलना तथा दिखावा करना धोखे की पहली सीढ़ी है ,
ReplyDeleteमगर शायद हम लोग अनफिट हैं इस संसार के लिए . शायद हम किसी को खुश नही कर पाते ! हर आदमी को दिखावे का प्यार चाहिए, वास्तविकता हो या न हो राष्ट्रप्रेमी जी !
सतीश