आज आओ मिल गले लगाए
सबको अपना मीत बनाए
कोई भले ही मीत बने ना
खुद को सबका मीत बनायें
चित्र भले ही हम ना पूजें
कथनी - करनी भेद मिटायें
कृत्रिमता को दूर भगा कर
नर नारायण बन दिखलाये।
अपने लिए जिएं-१
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* समाज सेवा और परोपकार के नाम पर घपलों की भरमार करने वाले महापुरूष परोपकारी
होने और दूसरों के लिए जीने का दंभ भरते हैं। अपनी आत्मा की मोक्ष के लिए पूरी
द...
3 weeks ago
बहुत सुंदर इच्छा है ! आपकी एक बात बहुत हद तक मुझसे मेल खाती है ! मीठा बोलना तथा दिखावा करना धोखे की पहली सीढ़ी है ,
ReplyDeleteमगर शायद हम लोग अनफिट हैं इस संसार के लिए . शायद हम किसी को खुश नही कर पाते ! हर आदमी को दिखावे का प्यार चाहिए, वास्तविकता हो या न हो राष्ट्रप्रेमी जी !
सतीश