Wednesday, February 18, 2015

आसूँ हैं मुस्कान के पीछे

घायल करके चली गई तुम


घायल करके चली गई तुम, दवा कौन दे पायेगा?
आसूँ हैं मुस्कान के पीछे, ऐसे कब तक जी पायेगा?
अपने आप को भूल गया मैं,
प्यार में देखो धूल भया मैं।
मैंने सब कुछ सौंप दिया था,
प्यार से फिर भी छला गया मैं।
आपकी जिद मुझको ले डूबी, कौन पार ले जायेगा?
घायल करके चली गईं तुम, दवा कौन दे पायेगा?
जीवन तो हम जी ही लेंगे,
दिए हैं गम वह पी ही लेंगे।
आप को सुखी देख हम पायंे,
वियोग-विश भी पी ही  लेंगे।
अकेले छोड़ा, अकेले रहेंगे, साथ कौन चल पायेगा?
घायल करके चली गईं तुम, दवा कौन दे पायेगा?
आपसे जब भी मुलाकात होगी,
आँखों-आँखों में हर बात होगी।
दीदार आपके होंगे हमें जब,
खुषियों की देखो बरसात होगी।
साथी ही जब साथ रहा ना, गान कौन अब गायेगा?
घायल करके चली गईं तुम, दवा कौन दे पायेगा?

No comments:

Post a Comment

आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.