चाहा था
हमने
आपके साथ
जी लेंगे
चन्द क्षणों की
इस जिन्दगी को
आपने भी तो
स्वीकार किया था
देर से ही सही
हमारी उस बन्दगी को
अचानक
क्या हुआ?
छा गया
धुंआ
हमारे पथ में
बैठी नहीं आप
हमारे रथ में
हमको भी
आपने
फेंक दिया गर्त में
आप जा छुपी
न जाने किस पर्त में।
हमने
आपके साथ
जी लेंगे
चन्द क्षणों की
इस जिन्दगी को
आपने भी तो
स्वीकार किया था
देर से ही सही
हमारी उस बन्दगी को
अचानक
क्या हुआ?
छा गया
धुंआ
हमारे पथ में
बैठी नहीं आप
हमारे रथ में
हमको भी
आपने
फेंक दिया गर्त में
आप जा छुपी
न जाने किस पर्त में।
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