Saturday, December 12, 2015

हम राह तक रहे, मित्र आपके!

आपके कहने से तो हम पहले ही हो चुके आपके।

बात फिर क्यों बदलतीं, अस्वीकारो फिर भी आपके।

मित्र कहा, बनी प्रेमिका, साथ चलने का वो वायदा,

भूल गईं भले आप, हम राह तक रहे, मित्र आपके!

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