हम तो साथ निभायेंगे
साथ भले ही ना मिल पाया, हम तो साथ निभायेंगे।
अपने पथ पर आगे बढ़ो तुम, पलकों से उसे सजायेंगे।।
तुमने साथ भले ही छोड़ा।
हमने कभी भी मुख ना मोड़ा।
अब भी आश न छोड़ी हमने,
चलते हैं हम थोड़ा-थोड़ा।
नहीं भी मिलने आओगे, हम स्वप्न में गले लगायेंगे।
अपने पथ पर आगे बढ़ो तुम, पलकों से उसे सजायेंगे।।
यही चाह है, केवल हमको।
सारी खुशियाँ मिल जायँ तुमको।
तुम अपनी चाहत के संग जीओ,
तन्हाई ही भाई हमको।
तुम्हें तुम्हारी खुशियाँ मिलें बस, हम खुद को ही ठुकरायेंगे।
अपने पथ पर आगे बढ़ो तुम, पलकों से उसे सजायेंगे।।
प्रेम तुम्हारा, तुम्हें मिल जाये।
तुमसे मिले, वह भी हरषाये।
तुम्हारी खुशियों की अनुभूति,
हमको भी खुशियाँ दे जाये।
हम तो तुम्हारे प्रेमी के भी, पथ में पुष्प विछायेंगे।
अपने पथ पर आगे बढ़ो तुम, पलकों से उसे सजायेंगे।।
No comments:
Post a Comment
आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.