Thursday, April 23, 2020

झूठा सच!

जो धोखा दे, पत्नी कहते हैं


               

                                                    डाॅ.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी



झूठा सच! हम बोल रहे हैं।
बिना तराजू तोल रहे हैं।
नर-नारी के रिश्ते में अब,
कानून ही विष घोल रहे हैं।

गृह लक्ष्मी अब मेम हो गईं।
चलता फिरता जेम हो गई।
कैसा पति और कैसे बच्चे?
सोशल मीडिया, फेम हो गई।

घर अब आफिस जैसा चलता।
बच्चा भी अब क्रैच में पलता।
पति-पत्नी पद, हुए कानूनी,
विश्वास सूर्य, कपट से ढलता।

पति-पत्नी अब, चलते चालें।
एक-दूजे को, बनें न ढालें।
पति का बीमा, है करोड़ का,
पत्नी सोचे, राम उठा ले।

सुविधाओं को सुख कहते हैं।
रोते-हँसते, सुख सहते हैं।
शादी भी व्यवसाय बन गई,
जो धोखा दे, पत्नी कहते हैं।

प्रेम नाम, हैं  धंधे  होते।
शर्म, हया, अब रिश्ते खोते।
मिलने से, हो जाय, कोरोना,
मिलेगा वही, जो हम हैं बोते।

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