Wednesday, April 8, 2020

तुमने जिसको प्यार कहा है, वह तो सरासर धोखा है

प्यार तो माँगे प्रेम समर्पण

                                      डाॅ.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

तुमने जिसको प्यार कहा है, वह तो सरासर धोखा है।
प्यार तो माँगे, प्रेम समर्पण, सच्चाई, निष्ठा भरोसा है।।
झूठ बोलकर शादी करना।
प्रेमी संग मिल, हत्या करना।
शिकारी का ही काम ये केवल,
फंदे, फंसा  वार  फिर करना।
मर जायेंगे, मिट जायेंगे, अब नहीं देंगे, मौका है।
प्यार तो माँगे, प्रेम समर्पण, सच्चाई, निष्ठा भरोसा है।।
झूठे वायदे, झूठे इरादे।
षडयंत्र से हमें गिरा दे।
शक्ति नहीं किसी में इतनी,
सच्चाई से हमें फिरा दे।
सब कुछ जानकर, चुनने के, अधिकार से तुमने रोका है।
प्यार तो माँगे, प्रेम समर्पण, सच्चाई, निष्ठा भरोसा है।।
पीड़ा दे ले, सह लेंगे हम।
सजा मिलेगी, भोगेंगे हम।
चाहे जितने, केस करो तुम,
मौत से भी, भिड़ जायेंगे हम।
धोखेबाज तुम, कुशल खिलाड़ी, झूठ का मारा चौका है।
प्यार तो माँगे, प्रेम समर्पण, सच्चाई, निष्ठा भरोसा है।।

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