4.21.2007
हमारी तड़पने ही आपको यदि मुस्कराहट देती हों।
हमरा दिल जला के , आपको रोशनाई मिलती हो।
तड़पेंगे हर-पल खुशी से, जल-जल रोशन करें पथ,
जिन्दा यूँ मर जायेंगे, यदि आपको खुशियाँ मिलती हों।।
जो भरा नहीं है भावों से, बहती प्रेम की धार नहीं।
दिल आपका है केवल, पनपा जिसमें बस प्यार नहीं।
साथ में चलने के इरादे, सच्ची दोस्ती के वो वादे,
तोड़े आपने हैं केवल, मुलाकात् को भी तैयार नहीं।।
दूर से बैठे समुन्दर की गहराईओं को क्यों नापते हो जरा पास आकर छु कर उतर कर देखो तो जानू
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