Friday, April 15, 2022

एक-दूजे की परवाह करें जो

गर्व से कहते प्यार है 


सच से है विश्वास विकसता, विश्वास संबन्ध आधार है।

एक-दूजे की परवाह करें जो,  गर्व से कहते प्यार है।।

परिचय प्रथम कदम प्रेम का।

आकर्षण भी स्वरूप नेह का।

समय बिताना साथ जब चाहें,

अंकुरण देखो हुआ प्रेम का।

लेन-देन तो प्यार नहीं  है, यह तो बस व्यापार है।

एक-दूजे की परवाह करें जो,  गर्व से कहते प्यार है।।

आँखों-आँखों होतीं बातें।

सपनों में भी हों मुलाकातें।

कितनी भी हो टोका-टाकी,

यादों में ही बीतें रातें।

अधिकार की बात नहीं कोई, कर्तव्य प्रेम का सार है।

एक-दूजे की परवाह करें जो,  गर्व से कहते प्यार है।।

साथ की ही बस चाह न होती।

वियोग भी होता जीवन मोती।

प्रेमी को खुशियों की खातिर,

समर्पित कर दें जीवन जोती।

कुछ न छुपाते इक-दूजे से, उनको कहते यार हैं।

एक-दूजे की परवाह करें जो,  गर्व से कहते प्यार है।।


No comments:

Post a Comment

आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.