Friday, February 19, 2021

सबसे अनूठा सबसे प्यारा

 नर नारी का संगम है


सबसे अनूठा सबसे प्यारा, नर-नारी का संगम है।

कोई देश हो, कोई भाषा, देखो दृश्य विहंगम है।।

इक-दूजे के लिए बने हैं।

इक-दूजे के लिए तने हैं।

इक-दूजे की चाहत है बस,

शिकायत भी तो प्रेम सने हैं।

नारी नर को प्यारी पल-पल, नारी हेतु नर सिंघम है।

कोई देश हो, कोई भाषा, देखो दृश्य विहंगम है।।

पल-पल नर का साथ खोजती।

जन्म देती है और पोषती।

बेटी, बहिन माता के रूप में,

पत्नी भी तो प्रेम रोपती।

अलग-अलग नर-नारी अधूरे, मिलकर खिलते रंगम हैं।

कोई देश हो, कोई भाषा, देखो दृश्य विहंगम है।।

नर, नारी बिन रहे अधूरा।

नारी मिल करती है पूरा।

नारी बिन अस्तित्व न नर का,

नारी बनाती, उसको शूरा।

इक-दूजे के भाव ही मिलकर, जीवन भर की च्युंगम हैं।

कोई देश हो, कोई भाषा, देखो दृश्य विहंगम है।।


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