Monday, February 15, 2021

जीवन पथ पर, मिलकर चलना,

 सबका साथ निभाना है

              



नहीं आए थे,  अकेले जग में,  नहीं, अकेले जाना है।

जीवन पथ पर, मिलकर चलना, सबका साथ निभाना है।।

मात-पिता ने जन्मा, पाला।

संबन्धों का, मधुर था, प्याला।

पल भर को न अरक्षित छोड़ा,

माता, बहिन, बुआ या खाला।

पग-पग राह, दिखाते साथी, साथ में चलते जाना है।

जीवन पथ पर, मिलकर चलना, सबका साथ निभाना है।।

सिर पर रहा, पिता का साया।

संकट कभी, पास नहीं आया।

गलतियों पर, रोका-टोका,

मौन प्रेम था, कभी न गाया।

जीवन दाता,  पीछे छूटे,  काम का,  नया ठिकाना है।

जीवन पथ पर मिलकर चलना, सबका साथ निभाना है।।

जीवन साथी, कपट की थाती।

आकर्षण को, ये, प्रेम बताती।

कामना काम की, पूरी न हो जब,

पगड़ी उछाले, है  दिन राती।

ताल न, कभी मिलाती है, वो, गाती अपना गाना है।

जीवन पथ पर मिलकर चलना, सबका साथ निभाना है।।

जीवन क्या, और साथी कैसा?

सबको प्यारा, होता पैसा।

संतानें आगे बढ़ जातीं,

कहती हैं, फिर, ऐसा-वैसा।

जो बोया है, काटेगा वही, बन्दे क्या पछताना है?

जीवन पथ पर मिलकर चलना, सबका साथ निभाना है।।


No comments:

Post a Comment

आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.