Friday, February 5, 2021

सर्दी का हो रहा अन्त।

मित्रो! आया है बसन्त!!


 मित्रो! आया है बसन्त!!

सर्दी का हो रहा अन्त।


मित्रो! आया है बसन्त!!

बर्फीली सर्दी बीत गयी।

वियोग की अग्नि रीत गयी।

संदेह कुहासा आज मिटा,

जाग उठी अब आस नयी।

कलि का सूरज उगा कन्त।

मित्रो! आया है बसन्त!!


वैक्सीन मिली, भय दूर गया।

भोर हुआ, अन्धेर गया।

कोरोना से बच पाएंगे,

जाग रहा है, नूर नया।

बच्चों के खिल उठे दन्त!

मित्रो! आया है बसन्त!!


सजनी से सजना आन मिला।

कामी को रज का दान मिला।

अर्थव्यवस्था जाग रही अब,

कर्मचारी को काम मिला।

कान्ता को सजाए आज कन्त।

मित्रो! आया है बसन्त!!


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