Saturday, March 6, 2021

तुम अपनी दुनिया में खुश हो

 तुम्हारी यादों में जीते हैं

 

 

तुम अपनी दुनिया में खुश हो, हम तुम्हारी यादों में जीते हैं।

वर्तमान और भविष्य को छोड़ा, हम भूत का रस ही पीते हैं।।

निराशा से हम भरे हुए थे।

जीवन से ही ठगे हुए थे।

तुमसे ही थी, मिली प्रेरणा,

जिसके सहारे रूके हुए थे।

तुम ही अब भी शक्ति हमारी, तुम बिन बिल्कुल रीते हैं।

तुम अपनी दुनिया में खुश हो, हम तुम्हारी यादों में जीते हैं।।

नहीं कह सके, तुम से दिल की।

बनीं हुईं थी, और की फिरकी।

समय की ठोकर दूर गिरे हम,

तुमने कर ली अपने मन की।

भटक रहे थे, कण्टक पथ पर, तुम्हारे पथ थे, सुभीते हैं।

तुम अपनी दुनिया में खुश हो, हम तुम्हारी यादों में जीते हैं।।

थक हुए थे, जीते-जीते।

दुनिया में बिष पीते-पीते।

तुम प्रेरणा बनकर आईं थीं,

याद आएं क्षण, जो थे बीते।

हम तो जग में, प्रेम पथिक हैं, नहीं बने कभी चीते हैं।

तुम अपनी दुनिया में खुश हो, हम तुम्हारी यादों में जीते हैं।। 

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