4.26.2007
आप हमारी रहीं प्रेरणा, अब भी प्रेरित करती हो।
शिक्षार्थी हैं आपके हम तो, अब भी शिक्षित करती हो।
भटक रहे हम, ले नाम लवों पर, पल-पल जीवित करती हो।
आप नहीं, है प्यार आपका, सपनों में, हर रात उतरती हो।
बता देना, हमारे जमीं पै होने से आप परेशान तो नहीं।
बता देना, आपके शुकून के लिए हम हैवान तो नहीं।
यदि अन्त चाहो हमारा, मुस्करा के जहर पिला दो।
आशिक हैं आपके जानेमन, कोई शैतान तो नहीं।
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