4.28.2007
क्या सचमुच जान आपके दरश नहीं कर पायेंगे।
अपने ही उस गात का कभी, परस नहीं कर पायेंगे।
बस एक बार है दिल की रानी अपना चेहरा हमें दिखा दो,
आप कहेंगे हम जी लेंगे, आपकी खातिर मर जायेंगे।
एक बार आ अंक में बैठो रूप आपका पी जायेंगे।
अधरों का बस जाम पिला दो, मरते हुए भी जी जायेंगे।
गोल उभारों की धड़कन से, जब आप हमें धड़कायेंगे।
हम तो आपके हो ही चुके हैं, आप हमारे हो जायेंगे।
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