Thursday, December 18, 2014

मैं तुम्हें फिर मिलूँगा

5.04.2007

मैं तुम्हें फिर मिलूँगा।
कब?
कहाँ?
कैसे?
न मुझे मालुम
न तुमको।

मैं तुम्हें फिर मिलूँगा।
साल?
दो साल?
या युगों के बाद?
न मुझे मालुम
न तुमको।

मैं तुम्हें फिर मिलूँगा।
जवानी?
प्रोढ़ावस्था
या वृद्धावस्था में?
न मुझे मालुम
न तुमको।

मैं तुम्हें फिर मिलूँगा।
शारीरिक?
मानसिक?
या आत्मिक रूप से?
न मुझे मालुम
न तुमको।

मैं तुम्हें फिर मिलूँगा।
चेतन?
अवचेतन?
या अचेतन?
न मुझे मालुम
न तुमको।

मैं तुम्हें फिर मिलूँगा।
नियोजित?
अनियोजित?
या अचानक?
न मुझे मालुम
न तुमको।

मुझे मालुम है
वश इतना
एक ना एक दिन
एक ना एक पल
मैं तुम्हें फिर मिलूँगा।
तुम भले ही
पहचानने से इन्कार कर देना
कुशल व्यापारी की तरह।

No comments:

Post a Comment

आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.