Friday, March 4, 2011

राहत के नाम पर कमीशन खाया है


ठूंठ
                                           
सूखे के बाद
आई बरसात
जन-मन-गण के खिले गात
सूखे विटपों पर
आए हरे पात
तू बता
क्यूं अब तक ठूंठ?
बोलना मत झूंठ
मौन!
 अच्छा, समझा,                                 
तू है,आदमजात
बहुत कुछ छुपाया है,
राहत के नाम पर कमीशन खाया है
किन्तु, बन्धु
अब तो, समय चुनाव का आया है।





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