Sunday, March 13, 2011

राष्ट्रप्रेमी हस्ती भी तेरी नहीं


समर्पण
              
यह तन न था तेरा कभी
यह मन न था तेरा कभी
नहीं यह पन्थ भी तेरा नहीं
कर दें समर्पण राष्ट्र को।
    न  यह  मेरा  प्राण  है
     इसका न मुझको त्राण है
      नहीं यह बुद्धि भी तेरी नहीं
     कर दे समर्पण  राष्ट्र को।
जो कुछ मिले जो कुछ फले          
जो भेंट में तुझको मिले             
नहीं यह वेश भी तेरा नहीं
कर दे समर्पण राष्ट्र को।
                 न  यह  तेरा  है  परिवार
                      न यह बंगला न यह कार
                  नहीं यह बहार भी तेरी नहीं
                कर  दे समर्पण राष्ट्र को।
जितना भी है वैभव तेरा 
बना ले कितने तम्बू डेरा
राष्ट्रप्रेमी हस्ती भी तेरी नहीं
कर दे समर्पण राष्ट्र को।

No comments:

Post a Comment

आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.