गौपिन नै घेरि लिये हैं
होली में हुल्लड़ करो, हल्ला करो हजूर।
होली खेलन के लिए,भए आज मजबूर।।
भए आज मजबूर, गोपिन ने घेर लिए हैं।
घेर-घेर कर आज तो रंगरेज बनाय दिए हैं।।
हर हालत में हरदेवी कूं आज हरी करि डारौ।
लाल रंग है लालवती को,लाल रंग है जापे डारौ।।
हरे रंग कौ हरण करि हरे रंग सूं रंगौ दुपट्टा।
राष्ट्रप्रेमी अब सम्भलि,गुलाबी गुलाबो पै मारै झपट्टा।।
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