Sunday, January 31, 2021

जो जन्मा है, वह मरता है

 समय चक्र


जो जन्मा है, वह मरता है।

समय चक्र अविरल चलता है।

किसी के लिए पथ, ना रूकता।

काली घटा से, सूर्य न झुकता।

चलते रहना ही जीवन है,

मृत्यु चक्र भी कभी न रूकता।

रूकता है, जो वह मरता है।

समय चक्र अविरल चलता है।


जिंदा दिली का नाम है जीवन।

खुलकर हँसना, है संजीवन।

खुलकर, मिलकर, हिलकर रहना,

प्रेम का एक पैगाम है जीवन।

प्रकृति में सब कुछ हिलता है।

समय चक्र अविरल चलता है।


जो आया है, उसको जाना।

फिर भी पथ में मित्र बनाना।

स्वीकार का भाव हो उर में,

लगेगा सब जाना पहचाना।

कर्म के बल पर जग पलता है।

समय चक्र अविरल चलता है।


No comments:

Post a Comment

आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.