Sunday, July 2, 2017

"दहेज के बिना शादी के संकल्प का परिणाम-६"

इस प्रकार मनोज ने सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को स्पष्ट रूप से लिखा था। 

वह जानता था वर्तमान समय में जबकि जीवन मूल्यों में गिरावट आ रही 

है, उसे इस प्रकार की पत्नी मिलना असंभव है फिर भी जीवन के प्रति 

सकारात्मक दृष्टिकोण ने उसे यह सोचने का आधार प्रदान किया कि 

संसार में सभी प्रकार के लोग होते हैं। हो सकता है कि उसके अनुरूप जीवन

 जीने वाली भी कोई हो और उसे मिल जाय। वह यह नहीं सोच सका था कि

 इण्टरनेट पर उसकी ताक में उसे अपने जाल में फँसाकर शिकार करने 

वाले भी घात लगाये बैठे हैं। मनोज को क्या मालुम था कि लोग अपनी 

जाति तक छिपाकर फंसाने के लिए तैयार बैठे हैं। मनोज को उस समय 

यह मालुम नहीं था कि लोग इतने दोगले भी होते हैं कि शादी के लिए 

ब्राह्मण होने का दावा करते हैं और नौकरी पाने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग,

 ए.सी. या एस.टी. होते हैं। मनोज को नहीं मालुम था कि लोगों के लिए 

शादी करना भी धन कमाने का साधन बन गया है। झूठ बोलकर अच्छा 

धन कमाने वाले को शादी के नाम पर फंसाकर फिर झूठे मुकदमें लगाकर 

मुफत का धन प्राप्त करने का साधन भी शादी को बनाया जा सकता है। 

आदर्श व सिद्धांतों के नाम पर जीने वाला मनोज कभी कल्पना भी नहीं कर

 सकता था।

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