विश्वास पर की आपने विश्वासघात की चोट।
पोल खुली जब आपकी हम में निकालें खोट।
झूठ, छल, और कपट की सीख कहाँ से पाई?
विश्वास का यूँ खून किया, कितने चाहिए नोट?
"मुझे संसार से मधुर व्यवहार करने का समय नहीं है, मधुर बनने का प्रत्येक प्रयत्न मुझे कपटी बनाता है." -विवेकानन्द
जन सेवा के दीप जलाएं राम जी के आदर्श संजोएं। कर्म करें और खुशियाँ बोएं। सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य को साध के स...
"स्वतन्त्र भारत में नारी को मिले वैधानिक अधिकारों की कमी नहीं- अधिकार ही अधिकार मिले हैं, परन्तु कितनी नारियां हैं जो अपने अधिकारों का सुख भोग पाती हैं? आप अपने कर्तव्यों के बल पर अधिकार अर्जित कीजिए। कर्तव्य और अधिकार दोनों का सदुपयोग कर आप व्यक्ति बन सकती हैं। आपको अपने कर्तव्यों का भान है तो कोई पुरुष आपको भोग्या नहीं बना सकता-व्यक्ति मानकर सम्मान ही करेगा। इसी तरह आने वाली पीढ़ी आपकी ऋणी रहेगी।"
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