आपको बस चाहते हैं, हम तो सब को बतला चुके है।
आप ने छिपकर था, चाहा, प्रेम को झुठला चुके हैं।
प्रेम है बकवास केवल, आपने जब हमसे कहा था,
घायल है दिल आज भी, आप वार करके जा चुके हैं।
आप पहुँची दूर इतनी, मरहम भी क्या लगा सकोगी?
स्पर्श ना करो, ना सही, निज भावों से सहला सकोगी?
पुष्पों का मकरन्द पीकर, एक नजर ही देख लो बस,
काँटों में भी जीते हैं हम, एक झलक दिखला सकोगी?
आप ने छिपकर था, चाहा, प्रेम को झुठला चुके हैं।
प्रेम है बकवास केवल, आपने जब हमसे कहा था,
घायल है दिल आज भी, आप वार करके जा चुके हैं।
आप पहुँची दूर इतनी, मरहम भी क्या लगा सकोगी?
स्पर्श ना करो, ना सही, निज भावों से सहला सकोगी?
पुष्पों का मकरन्द पीकर, एक नजर ही देख लो बस,
काँटों में भी जीते हैं हम, एक झलक दिखला सकोगी?
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