शिकायत केवल अपने से है
जो-जो सीख आपने दी थीं
बोले नहीं चुपचाप ही पी थीं।
हृदयंगम आज कर रहे उनको,
जीवन में जो आपने जी थीं।
शिकायत नहीं आपसे कोई,
शिकायत केवल अपने से है।
आप तो मिली बहुत पहले ही
अज्ञानी थे, हमने खोईं।
फसल वहीं हम काट रहे हैं,
हमने मिलकर जो थीं, बोई।
No comments:
Post a Comment
आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.