Friday, June 12, 2015

प्रेम के दुश्मन

कायर ना चल पायें संग में



प्रेम के दुश्मन, कदम-कदम पर

चलना पथ पर संभल-संभल कर

दुनियाँ पागल कहेगी, ठुकरायेगी,

हमको बढ़ना होगा जोखिम लेकर

जब अपने ही ठुकरा के कहेंगे

प्रेम को, प्रेमी ही बकवास कहेंगे

सब कुछ सहा है, और भी सहेंगे,

आप मिलो तो कर भी गहेंगे।


प्रेम के दुश्मन हैं इस जग में,

कोई न साथी है इस मग में।

सभी विरोधी बन जाते हैं,

मौत भी मिल सकती है पल में।

प्रेम की राह नहीं है जग में,

सपने भी मिट जाते पल में।

जोखिम भरी राह गढ़नी है,

कायर ना चल पायें संग में।

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