Tuesday, May 5, 2015

तड़पते क्यूँ हम, यदि दिल आप नहीं हरते

झुकते हैं वही जो तन्हाइयों से हैं डरते



कैसे हैं आप? हमें याद तो नहीं करते।

जिद है आपकी बतलाया भी नहीं करते।

प्रेम से इन्कार करना, आसान हो कितना भी,

प्रेम के बिना प्राणी जीते नहीं, न ही हैं मरते।

समझौता जीवन में खुशी नहीं कभी देता।

झुकते हैं वही जो तन्हाइयों से हैं डरते।

समझौता करने से प्रेम नहीं कभी मरता,

आज भी आपको हम याद नित ही करते।

आप हमें नहीं मिले, हम आपको मिल चुके,

तड़पते क्यूँ हम, यदि दिल आप नहीं हरते।

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