Thursday, October 2, 2008

गांधी-शास्त्री को आचरण में उतारें

आज दो अक्टूम्बर है राष्ट्रपिता गांधी जी देश के हिरदय में विराजमान लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती। औपचारिकतावश स्थान-स्थान पर आयोजन होंगे भाषण होंगे और देश व देश के नागरिको को बेबकूफ बनाने के प्रयास होंगे। इतने आयोजनों के बाबजूद हिंसा भी बढेगी भ्रष्टाचार भी सत्य की तो परिभाषा ही बदल दी गयी है। आओ हम संकल्प करे हम ऐसे झूठे आयोजनों की अपेक्षा इन महापुरुषों के कार्य के प्रति अपने आप को समर्पित करेगे । इनके द्बारा किए गए काम को आगे आकर पूरा करेंगे। अपने आचरण के द्बारा इनके कामो को सम्मान देंगे।

1 comment:

  1. राष्ट्रप्रेमी जी !
    मेरे मन की बात कह दी आपने ! हम रोज ही बड़ी अच्छी अच्छी बातें करते है, पर स्टेज से उतारते ही कुछ याद नही रहता ! आप ने संक्षिप्त में ही सब कुछ कह दिया पर कौन पढता है आजकल यह सब .....
    सादर !

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