बेचारी हिन्दी
सितम्बर के अन्तिम सप्ताह की बात है। मुझे उत्तर प्रदेश माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड द्वारा विज्ञापित प्रधानाचार्य के पद हेतु आवेदन करना था। अतः ड्राफ्ट बनबाने के उद्देश्य से सेण्ट्रल बैंक आफ इण्डिया की स्थानीय शाखा में ड्राफ्ट का फार्म भरकर दिया। बैंक कर्मचारी ने फार्म यह कहकर वापस कर दिया कि इसे अंग्रेजी में भरकर लाओ। मैंने दलील दी कि महोदय हम लोग हिन्दी पखवाड़ा मना रहे हैं और आप है कि हिन्दी में भरे फार्म को भी अस्वीकार कर रहे हैं। उसने मुझे हिकारत से देखते हुए कहा, कम्प्यूटर अंग्रेजी नहीं जानता। मुझे मजबूरी में ड्राफ्ट फार्म पर चयन बोर्ड का नाम अंग्रेजी में लिखना पड़ा। जब अंग्रेजी में नाम लिखने के लिए, पूरा नाम मोबाइल पर अपने मित्र को पूछ रहा था तो बैंक के अधिकारी महोदय ने सुझाव दिया । रोजगार समाचार अंग्रेजी में भी आता है। उसे पढ़ा कीजिए मास्टर जी।
प्रश्न यह है की जो व्यक्ति अंगरेजी नहीं जानता वह ड्राफ्ट नही बनवा सकता ?
वाकई में, आज भी स्थिति यही है देश में !
ReplyDeleteकोई बड़ी बात नहीं ,जब विश्व हिंदी दिवस न्यूयार्क में मनाया जाता है तो एसा भी हो सकता
ReplyDeleteYAAR BAHUT ACCHA BADE LEKHAK HO KYA YA PHIR KOI HNDI KE TEACHER TO NAHI KON HO TUM MUJHKO BLOG PAR COMMENT KAR KE BATANA OK
ReplyDeletelekhak hoon ya nahi kah nahi sakata, shok me likhata hoon. hindi padhana bhi pasand hai. vartman me jawahar navodaya vidyalay me kaaryrat hoo.
ReplyDeletesantoshgaurrashtrapremi@gmail.com