भक्त बन जाइये
उपदेश नीति और धर्म अगर चाहो,
विदुर रचित नीति शास्त्र म¡गवाइये,
जोश रोष वीरता की आश लेके प्यारे,
वीर शिवाजी की जीवनी पढ़ जाइये।
देखना संयोग और वियोग तो,
प्रेमी को प्रेमिका से पत्र लिखवाइये,
प्रेम की पीर को बिना भोगे जानो तुम,
घनानन्द काव्यरस डुबकी लगाइये।
यूपी की राजनीति समझना यदि चाहो,
माया-मुलायम के भक्त बन जाइये,
आरक्षण राजनीति समझने हेतु यारो,
राजस्थान में आज-कल भ्रमण कर जाइये।
स्वार्थ की व्यापकता, आवश्यकता व अनिवार्यता
-
*सामान्यतः स्वार्थ को बड़े ही संकीर्ण और नकारात्मक अर्थ में लिया जाता है।
स्वार्थ के अन्य पर्यायवाचियों में, खुदगर्ज, मतलबी, प्रयोजनव...
3 weeks ago
No comments:
Post a Comment
आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.