आपको भी कभी तो याद आती ही होगी
आँसू भले ही न बहाओ टीस उठती ही होगी
अपने को भुलावे में रखना भी चाहोगी,
कोई इन्तजार में है अभी भी आप जानती ही होगी।
08.11.2007
प्रिय था समानता का नारा आपको
मुझको तो बस प्रिय थीं आप
मुझको तो प्रिय अब भी आपके हैं वे कर्म
आप समाज का झेल न पाईं ताप।
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