Sunday, January 24, 2016

आप के लिए

08.21.2007

आप के लिए 

हम 

हुए अवांक्षित

आप हमें

अब हो वांक्षित

हम तो अब भी 

राह हैं तकते

आप भले ही

 करो हमें लांक्षित।

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