प्रेम की पहचान
होती नहीं आसान
मचा रहता घमासान
अरमानों का कहीं
बन नहीं जाए शमसान
जो डरते हैं इस भय से
जीते हैं वो परंपरा की लय से
प्रेम उनके लिए
ढकोसला है
प्रेम उनके लिए बकवास है
प्रेम से हो सरोबार
जाने कितने परवाने जले हैं
दीपक को
अहम है प्रकाश फ़ैलाने का
उसे यश चाहिए
आदर्श बनने का
वह क्या जाने?
जले हुए परवानों का दर्द
उसका प्रेम तो
जलते हुए हो गया है सर्द।
होती नहीं आसान
मचा रहता घमासान
अरमानों का कहीं
बन नहीं जाए शमसान
जो डरते हैं इस भय से
जीते हैं वो परंपरा की लय से
प्रेम उनके लिए
ढकोसला है
प्रेम उनके लिए बकवास है
प्रेम से हो सरोबार
जाने कितने परवाने जले हैं
दीपक को
अहम है प्रकाश फ़ैलाने का
उसे यश चाहिए
आदर्श बनने का
वह क्या जाने?
जले हुए परवानों का दर्द
उसका प्रेम तो
जलते हुए हो गया है सर्द।
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