Friday, January 9, 2015

ठोकरें तो आपकी भुला बैठे सब हम

5.12.2007


खड़े हैं हम, जहाँ छोड़ा था आपने।


उर में संजोये जो दिया था आपने।


ठोकरें तो आपकी भुला बैठे सब हम,


यादें हैं शेष अभी, गले लगाया आपने।


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