Monday, January 5, 2015

प्रेम के बदले प्रेम की चाह, प्रेम कोई व्यापार नहीं है।

प्रेम किया है हमने तुमको, पाने की कोई चाह नहीं है।
प्रेम के बदले प्रेम की चाह, प्रेम कोई व्यापार नहीं है।
तन-मन-धन से सुखी रहो तुम हमने तो बस इतना चाहा,
शान्त, सुखी, समृद्ध रहो तुम, करें कोई तकरार नहीं है।

तेरा तो सब कुछ तेरा है, पाने की कामना नहीं की।
अपना भी सब कुछ हो तेरा, हमने तो कामना यही की।
गलती से हमने समझा था, तुमको चाहत रही हमारी,
प्रेम, तुमसे मिलना क्या है? वफा की भी कामना नहीं है।

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