लुभाती होली
मन को खूब लुभाती होली
रंग बरसाती आती होली
गली-गली मड़राती होली
सबको गले मिलाती होली।
पेड़े बरफी और रसगुल्ले
पूड़ी कचौड़ी और हैं भल्ले
मिठाईयों के लगते गल्ले
सबको खूब हंसाती होली।
मम्मी-पापा भैया-भाभी
सबको खूब खिलाती होली
सबको अपने रंग में रंगकर
कितनी है इठलाती होली।
स्वामी विवेकानन्द के दृष्टिकोण से
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धर्म
*स्वामी विवेकानन्द को हिन्दू संन्यासी कहना एकदम गलत होगा। वे संन्यासी तो
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क...
2 weeks ago
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