लुभाती होली
मन को खूब लुभाती होली
रंग बरसाती आती होली
गली-गली मड़राती होली
सबको गले मिलाती होली।
पेड़े बरफी और रसगुल्ले
पूड़ी कचौड़ी और हैं भल्ले
मिठाईयों के लगते गल्ले
सबको खूब हंसाती होली।
मम्मी-पापा भैया-भाभी
सबको खूब खिलाती होली
सबको अपने रंग में रंगकर
कितनी है इठलाती होली।
अपने लिए जियें
-
आओ स्वार्थी बनें
हम सब लोग अक्सर धर्म, कर्म और पर्मार्थ की बातें करते हैं। अपने साथियों को
अक्सर टोकते हैं कि बड़े स्वार्थी हो आप तो? मन्दिर, मस्जिद, गिरिज...
2 weeks ago
No comments:
Post a Comment
आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.