लुभाती होली
मन को खूब लुभाती होली
रंग बरसाती आती होली
गली-गली मड़राती होली
सबको गले मिलाती होली।
पेड़े बरफी और रसगुल्ले
पूड़ी कचौड़ी और हैं भल्ले
मिठाईयों के लगते गल्ले
सबको खूब हंसाती होली।
मम्मी-पापा भैया-भाभी
सबको खूब खिलाती होली
सबको अपने रंग में रंगकर
कितनी है इठलाती होली।
धर्म, कर्म और शिक्षा- विवेकानन्द के सन्दर्भ में
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शिक्षा मानव विकास के लिए आधारभूत आवश्यकता है। इस तथ्य पर सार्वकालिक
सर्वसहमति रही है। शिक्षा के आधारभूत सिद्धांतों को लेकर विभिन्न समाजों में
मतान्तर रहा...
1 week ago
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