Monday, June 29, 2009

नव-पल क्षण ही प्रगति करे ,यह प्राणों से है प्यारा

ये गणतंत्र हमारा


युगो-युगो तक अमर रहे , ये गणतंत्र हमारा।

नव-पल क्षण ही प्रगति करे ,यह प्राणों से है प्यारा।।

यह भारत देश हमारा।।

वीरों ने दी थीं कुर्बानी ,बहनों ने थी राखी बाधीं।

माताओं ने आरती उतारीं,भाग्यशाली थीं,नहीं बिचारी।

था सुभाष भी भाई मेरे, माता का एक दुलारा।

नव-पल क्षण ही प्रगति करे ,यह प्राणों से है प्यारा।।

यह भारत देश हमारा।।

पहना था केसरिया बाना,जनमानस था हुआ दिवाना।

खून से लिखता था परवाना,राष्ट्रप्रेमी का रण का गाना।

इन्कलाब की बोली से था, गूँजा भारत सारा।

नव-पल क्षण ही प्रगति करे,यह प्राणों से है प्यारा।।

यह भारत देश हमारा।।

हमको है, कर्तव्य निभाना,स्वत्व नहीं, है राष्ट्र बढ़ाना।

सार्थक हो गणतंत्र मनाना,हमको ही है, पथ दिखलाना।

क्लान्त हुए जन मानस ने है, फिर से हमें पुकारा।

नव-पल क्षण ही प्रगति करे ,यह प्राणों से है प्यारा।।

यह भारत देश हमारा।।

No comments:

Post a Comment

आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.