समाधान
सभी समस्याओं का समाधान,
आचरण में लायें, जो देते व्याख्यान,
नैतिकता, धर्म औरसदाचरण का,
एक है जन्तर,
हमारी कथनी और करनी में,
रहे न अन्तर।
जो करते औरों से अपेक्षा,
स्वयं न करें उसकी उपेक्षा,
निज आचरण में ढालें,
स्वयं सत्य के मार्ग पर चलें,
तब दूसरों को डालें।
जो जनता को सीख देत,
अपनी खाट भीतरी लेत,
ऐसे पाखण्डियों की करो उपेक्षा,
पहले दें वे स्वयं ही परीक्षा,
तत्पश्चात औरों को दीक्षा,
इसे बना लें आन,
सबका हो कल्यान,
यही है समाधान।
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