यदि तुम
नहीं है
मुझे विश्वास
हो चुका
हताश
आश्वासन
वचन वायदों से।
नहीं है
लगाव
पंरपराओं
प्रथाओं
कायदों से।
नहीं है
मुझे डर
जीवन-मरण
यश-अपयश
नुकसान-फायदों से।
यदि
तुम हो तैयार
चलने को यार
सब कुछ त्यागकर
दुनियाँ से भागकर
महत्वाकांक्षाएं मारकर
धन,पद,प्रतिष्ठा के
बंधनो से मुक्त होकर
अपना पवित्र
निस्वार्थ
निश्चल प्रेम
समर्पित करने को।
समय की एजेंसी-32
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*कैसे करें कार्य प्रबंधन?*
कार्य प्रबंधन के महत्व को सभी व्यक्ति स्वीकार करने लगे हैं। वर्तमान समय में
कार्य प्रबंधन पर पर्याप्त लिखा जा रहा है। के...
1 day ago
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