Sunday, July 20, 2008

जो जातिवाद की नफरत की आग में देश को में झोंकते

प्रस्तुत है डाक्टर एस के मित्तल द्वारा प्रेषित रचना समय की पुकार
समय की पुकार


समय की पुकार आज की दरकार
जाग दोस्त सुन भारत माता की पुकार


जो दंगा करते हैं
जो नर संहार करते है
जो जातिवाद की नफरत की आग में देश को में झोंकते
राम- रहीम -इसा - गुरु -गाँधी -बाबा की बात करते है

इन आस्तीन के सांपो से
सावधान ख़बरदार होशियार
मेरे देश वासिओं कसलो कमर,
होजाओ त्यार

इन पापिओं को सबक सिखाना होगा
हर हथियार काम में ला इन्हें उडाना होगा


देर बहुत हो जायेगी
मानवता कराहयेगी
जब देश ही ना रहा
तो नींद कहाँ से आएगी
आज की ताजा ख़बर ...............
कश्मीर जल रहा है
काबूल आतंकियों से थर्रा रहा है

गुलाम इस्तीफ़ा दे दिल्ली चल रहा है
मनमोहन टोकियो में बुश से चोंचे लड़ा रहा है
वाम हका बका मुलायम अवसर ताक रहा है
महंगाई का नाग डस रहा किसान जहर खा रहा है
भारतमाँ का मुकट खतरे में है केन्द्र थर्रा रहा है

समय की पुकारआज की दरकार
जाग दोस्त सुन भारत माता की पुकार

2 comments:

  1. बहुत ही अच्छा और विचारों को उत्तेजित करता हुआ लेख है। ऐसा अक्सर लड़कियों के साथ होता है। और दुख की बात तो यह है कि हम सब इसके आदी हो चुके हैं। बहुत सारी महिलाएँ इस सब के लिए मानसिक रूप से तैयार भी हैं। केवल कुछ ही विरोध कर पाती हैं।
    मैं चाहती हूँ कि परिवार के लोग इस बात को समझें तथा शादी जैसे अहम् मुद्दे पर अपनी बेटी को प्राथमिकता देनी चाहिए। नारी जब तक स्वयं अपने साथ होने वाले अन्याय का विरोध नहीं करेगी कोई उसकी मदद नहीं कर सकता।

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  2. shobhaji
    bahut-bahut dhanyavad, lekin aap jis lekh par comment dena chahati thi usaki apeksha doosare par likh diya. sambhavath yah comment- mahila sashaktikarn ki pol kholata ek khay ke liye hai.

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