अबला-सबला,
हँसना-रोना,
सोना-जागना,
उसको होता हर्ष,
सन्तान का उत्कर्ष।
सरल,विनीत और विनम्र,
सन्तान का सब कुछ क्षम्य,
हृदय है अगम्य,
हो जाये भ्रष्ट,
सन्तान हो ना नष्ट।
व्यष्टि-समष्टि,
सारी ये सृष्टि,
भले ही जायें,
सिद्धियां अष्ट,
सन्तान न पाये कष्ट.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की डिजिटल इंडिया नीति में बाधक- अध्यापकों की आशंकाएँ
-
अध्यापकों की आशंकाएँ
*पूर्णतः आवासीय नवोदय विद्यालयों के प्रणेता भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री
राजीव गांधी को भारत में कम्प्यूटर युग प्रारंभ करने का श्रेय भी ...
2 weeks ago
No comments:
Post a Comment
आप यहां पधारे धन्यवाद. अपने आगमन की निशानी के रूप में अपनी टिप्पणी छोड़े, ब्लोग के बारे में अपने विचारों से अवगत करावें.